यह दीप्ति शर्मा ही थीं जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका की महिला टीम के खिलाफ़ भारत के पहले टी-20आई में 4-3-8-3 के शानदार बॉलिंग स्पेल के साथ सुर्खियां बटोर लीं। उन्होंने लगातार तीन मैडेन ओवर डाले, जिनमें से दो विकेट-मैडेन भी थे, इस प्रकार भारत की महिलाओं को अपने कुल 130 रनों के मामूली आंकड़े का बचाव करने में मदद मिली। दीप्ति का इस तरह के शानदार बॉलिंग स्पेल के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना जाना भी सही था।
हालांकि, एक अन्य भारतीय गेंदबाज भी थी जिनका योगदान उस जीत में पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया। वह कोई और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की वंडर गर्ल पूनम यादव हैं। चार ओवर के स्पेल में उन्होंने 6.25 के इकॉनमी रेट से सिर्फ 25 रन दिये और शीर्ष के दो बल्लेबाजों, लौरा वोल्वार्ट और सुने लूस के महत्वपूर्ण विकेट भी हासिल किये। उन्हें दोनों कामयाबियां, प्रोटियाज़ वाली पारी के नौवें ओवर की चौथी और पांचवी गेंद में, एक ही ओवर में मिली और उनके दोहरे हमले ने मेहमानों को 48/5 के स्कोर पर नीचे ला दिया।
दक्षिण अफ्रीका उस ओवर के बाद से कभी उबर नहीं सका और इस तरह लक्ष्य से 11 कम रनों पर सिमट गया। इसी तरह, इस 28 वर्षीय ने 5 अप्रैल, 2013 को इस फॉर्मेट में अपना पहला मैच खेलने के बाद से भारतीय टीम में इसी प्रकार के कुछ प्रभावशाली योगदान दिये हैं।
दरअसल, पूनम अपने खेल की शुरुआत से अब तक महिला टी-20आई में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली हैं गेंदबाज रही हैं। उन्होंने 55 मैचों में 14.71 के बेहतरीन औसत और 15.4 के स्ट्राइक रेट से 73 विकेट लिये हैं। 5.70 की उनकी करियर इकॉनमी एक स्पिनर के तौर पर उनके हुनर को जाहिर कर देती है। यहां तक कि इस फॉर्मेट में 7.00 के इकॉनमी रेट को गेंदबाजों के लिए ठीक माना जाता है, इसलिए पूनम की इतनी टाइट गेंदबाजी करने की क्षमता किसी भी टीम के लिए एक समृद्धि है।
उनका गेंदबाजी औसत इस अवधि के दौरान कम से कम 50 विकेट ले चुकी गेंदबाजों में दूसरे पायदान पर है। और एक ही श्रेणी में उसी समय-सीमा की गेंदबाजों में उसके इकॉनमी रेट और स्ट्राइक रेट दोनों ही एक बार फिर चौथे स्थान पर हैं।
हालांकि सबसे दिलचस्प बात पूनम के घरेलू और विदेशी दौरों के रिकॉर्ड का अंतर है। पारंपरिक रूप से भारतीय स्पिनरों का रिकॉर्ड दूर की परिस्थितियों की तुलना में घरेलू खेलों में बेहतर रहा है। उनके घरेलू खेलों में क्रमश: 17.0 और 5.94 के स्ट्राइक रेट और इकॉनमी रेट के साथ 16.88 के औसत से 25 विकेटों की प्राप्ती के आंकड़ों में मेल होना कोई अनायास नहीं है। मगर विदेशी दौरों में उनका रिकॉर्ड और भी बेहतर रहा है। घर से दूर 35 मैचों में उन्होंने 13.64 के शानदार औसत और 14.70 के उसी तरह के अच्छे स्ट्राइक रेट के साथ कुल 51 विकेट लिये हैं।
इसके अलावा, उन्होंने अब तक 55 मैच खेले हैं जिनमें से भारत ने 33 में जीत हासिल की है और उन्होंने उन खेलों में लगभग 13 गेंदों के एक चौंकाने वाले अंतर पर स्ट्राइक किये हैं और 11.56 का शानदार औसत हासिल किया है। हालांकि, भारत ने उनके रहते हुए जो 20 मैच गंवाए हैं, उनमें उन्होंने मध्यम-स्तर का 24.05 का औसत और 23.0 का स्ट्राइक रेट हासिल किया है। इसलिए, इन आंकड़ों से पता चलता है कि टी-20आई में भारत की जीत की संभावना को बेहतर बनाने के लिए उनका प्रदर्शन कितना महत्वपूर्ण है। क्रिकेट संबंधी नई खबरें यहां देखें।
लेखक: प्रसेनजीत दे